Vikram Aur Betaal Story , दोस्तों ये बहुत ही मजेदार और Logical Betaal Pachisi में से एक कहानी है ” Do Dost Aur Rajkumari “ .
तो चलिए शुरू करते है आज की ये कहानी :-
” दो दोस्त और एक राजकुमारी ” – Vikram Aur Betaal Stories
तो ये Vikram Betal हिंदी कहानी कुछ इस तरह से शुरू होती है :-
रतन नाम का एक सुन्दर लड़का था। उसके पिताजी उज्जैन गाँव के राजा थे। रतन को बचपन से ही घुड़सवारी करने का शौक था।
रतन का एक पक्का दोस्त भी था। उसका नाम किशोर था। किशोर और रतन रोज घुड़सवारी करने के लिए जाते थे। काफी देर घुड़सवारी करने के बाद वे दोनों थक जाते है।
रतन कहता है – कुछ देर आराम कर लेते है। चलो, उस पेड़ के नीचे बैठ जाते है।
( थोड़ी देर आराम करने के बाद नदी किनारे एक लड़की आती है )
वह बहुत सुंदर होती है। लड़की को देखकर ही रतन को उससे प्यार हो जाता है। लड़की की भी नज़र रतन पर पड़ती है। रतन उससे बात करने के लिए उसके पास जाता है।
तभी वह लड़की अपने बालो से ‘गुलाब का फूल‘ निकालती है।
वह उस फूल को सबसे पहले अपने कान पर लगाती है फिर अपने पैरों से दबाती है, और अपने ह्रदय से लगाकर चली जाती है।
( रतन कुछ भी समझ नही पाता है )
वह अपने दोस्त से कहता है – यार, उसने क्या किया, मुझे तो कुछ भी समझ नही आया।
किशोर पूछता है, क्या तुम उससे प्यार करते हो? ‘हाँ’ करता हूँ। औऱ मैं उससे शादी करना चाहता हूँ
किशोर कहता है, मुझे समझ आ गया कि, वह क्या कहना चाहती थी।
किशोर कहता है – सबसे पहले उसने फूल को अपने कानों पर लगाया। इसका मतलब है, कि वह ‘कर्नाटक’ की रहने वाली है।
फिर उसने पैरो से दबाया यानी उसका नाम ‘पद्मावती’ है और अपने ह्रदय से लगाया। इसका मतलब वह भी तुम्हें पसन्द करती है।
रतन कहता है – हम दोनो कल ही कर्नाटक जाएंगे।
कर्नाटक पहुँचने के बाद वह एक बूढ़ी औरत के पास जाते है। और कहते है – हम उज्जैन के होने वाले राजा है।
हम यहाँ किसी को जानते नही है। क्या हम आपके घर पर रुक सकते है।
वह कहती है – ‘हाँ’ आप दोनों मेरे घर पर रुक सकते हो।
( फिर वे दोनों उस बूढ़ी औरत को सारी बात बता देते है )
वह कहती है, पद्मावती एक राजकुमारी है। मैने ही उसे बचपन से पाला है। मैं कल राजकुमारी से आपके बारे में बात करूंगी।
अगले दिन वह औरत राजकुमारी के पास जाकर सारी बात बता देती है और कहती है – रतन आपसे मिलना चाहते है।
फिर राजकुमारी चंदन में अपना हाथ डुबाकर उसके चांटा मार देती है।
वह तुरंत घर जाकर रतन से कहती है – राजकुमारी ने तो मुझे चांटा मारा।
रतन यह देखकर कुछ समझ नही पाता है पर उसका दोस्त सब समझ जाता है और कहता है – राजकुमारी ने कहा है कि, तुम उससे पाँच दिनों बाद बाग में पूनम की रात में मिलने आना।
( पाँच दिनों बाद वे दोनों मिलते है )
अब वे दोनों चोरी चुपके रोज मिलने लगे। रतन हमेशा पद्मावती से कहता कि, अगर मेरा दोस्त नही होता तो मैं तुमसे कभी नही मिलता।
एक दिन पद्मावती ने उसके दोस्त के लिए एक डिब्बे में खाना रखकर कहा, यह तुम अपने दोस्त को खिला देना।
रतन घर जाकर किशोर को खाना देकर कहता है – यह तुम्हारे लिए राजकुमारी ने भेजा है। लो इसे खा लो।
किशोर कहता है – मैं इस खाने को नही खाऊंगा। रतन कहता है – क्यू नही खाओगे ?
किशोर कहता है – क्योंकि इसमें ‘ज़हर‘ है।
रतन कहता है – मैं नही मान सकता कि इसमें ज़हर है और राजकुमारी तुम्हें जहर क्यों देगी?
क्योंकि वह नही चाहती है कि, तुम दोनों के बीच मे कोई तीसरा आये। अगर तुम्हें विश्वास नही है तो इस खाने को तुम कुत्ते को ख़िलायो।
Vikram betal Stories in Hindi | Vikram Betal Ki Kahani
( जैसे ही रतन कुत्ते को खाना खिलाता है, तो वह मर जाता है )
यह देखकर रतन को बहुत गुस्सा आता है और कहता है, अच्छा हुआ, मुझे उसकी सच्चाई मालूम पड़ गयी।
रतन कहता है – अब मुझे उससे बदला लेना है।
किशोर कहता है – तुम एक छोटा त्रिशूल लेकर महल जाओ और उस राजकुमारी के पैर पर इसके निशान बना देना
और उसके सारे गहने ले आना, फिर हम कल उन गहनों को बेच देंगे। इसके बाद वह बुरी तरह फंस जाएगी।
अगले दिन वे दोनों सुनार के यहाँ गहनों को बेचने जाते है। गहने देखकर सुनार को शक हो जाता है कि यह गहने तो राजकुमारी के है। ये इनके पास कैसे आये।
( सुनार उन दोनों को राजमहल में लेकर जाता है )
सुनार कहता है – महाराज, ये दोनों मुझे गहने बेचने आये थे। गहने देखकर मुझे इन दोनों पर शक हुआ। इसलिए मैं इन्हें यहां लेकर आया हूँ।
महाराज कहते है – बताओ , कौन हो तुम? और ये गहने तुम्हारे पास कैसे आये।
रतन कहता है – महाराज, ये गहने एक चुड़ैल के है जो आपके राजमहल के पीछे गहने उतारकर नाच रही थी, और उसके पैरो पर त्रिशूल का निशान है।
महाराज, आप यहाँ पर सभी औरतो के पैर देखिये। उसके पैर पर त्रिशूल का निशान होगा।
( महाराज सभी औरतों के पैर दिखबाते है, लेकिन किसी के पैर पर निशान नही मिलता है )
रतन कहता है, महाराज, आपने राजकुमारी के पैर तो देखे ही नही।
जैसे ही राजकुमारी के पैरो पर त्रिशूल का निशान दिखता है यह देखकर सब लोग चौक जाते है। यह देखकर महाराज, राजकुमारी को चुड़ैल समझ कर राज्य से बाहर कर देते है।
अब बेताल विक्रम से पूछता है, बताओ विक्रम इसमे सबसे बड़ी गलती किसकी थी। राजकुमारी की , रतन की या फिर महाराज की।
दोस्तो, उत्तर जानने से पहले आप भी सोचिये कि, सबसे बड़ी गलती किसकी थी ?
बिलकुल ईमानदारी से अपने उत्तर नीचे कमेंट में बताईये |
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विक्रम का उत्तर:-
इस कहानी में सबसे बड़ी गलती महाराज की थी। क्योंकि उन्होंने बिना कुछ जाने राजकुमारी को चुड़ैल समझकर राज्य से बाहर कर दिया।
Vikram aur Betaal , यह सुनकर बेताल तुरंत उसी वीरान जंगल में उसी पेड़ के पास चला गया |
तो दोस्तों कैसी लगी ये कहानी , अगली कहानी के लिए Vikram Betal stories , Betaal Pachisi के साथ जुड़े रहिये |
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तो मिलते है एक नयी कहानी में ( Moral Story in Hindi ) की जुबानी में।