Moral Story For Kids in Hindi , दोस्तों आज की इस Hindi Moral Story में आपका स्वागत है, ये कहानी रोचक होने के साथ – साथ एक सीख भी देगी इस कहानी को अपने Family के साथ जरूर पढ़िए ।
तो शुरू करते है आज की ये जादुई चक्की की Moral Stories for kids in Hindi कहानी –
जादूई चक्की – Moral Story For Kids and Adult
Jadui Chakki, एक गाँव मे मोहन और श्याम नाम के दो भाई रहते थे। इन दोनों भाई की आपस मे कभी बनती नही थी। मोहन बहुत अमीर था। और श्याम बहुत गरीब था।
मोहन के घर मे सभी बहुत अच्छे कपड़े पहनते थे और अच्छा खाना खाते थे।
लेकिन श्याम के घर मे तो खाना बनाने के लिए भी पैसे नही होते थे।
श्याम सारा दिन काम करता था, तब जाकर एक वक्त की रोटी बनती थी। उसकी लाइफ बहुत दुखभरी थी।
दीवाली का समय था। उस दिन श्याम के घर पर खाना बनाने के लिए पैसे नही थे। बिचारे बच्चे भूख से परेशान थे। घर में एक दीया भी नही जला था।
तब श्याम की पत्नी कहती है – आप अपने बड़े भाई से कुछ पैसे उधार ले आओ।
यह सुनकर श्याम बड़े भाई के घर जाता है और कहता है – मोहन भईया, आज दिवाली है और मेरे घर दिया जलाने तक के पैसे नही है।
मेरे बच्चे और पत्नी हम सब भूख से परेशान है। आप मुझे कुछ पैसे उधार दे दीजिए।
मोहन कहता है – चले जाओ यहां से, मैं तुम्हें एक फूटी कौड़ी भी नही दूंगा।
श्याम उदास होकर घर के लिए चल देता है। तभी उसे सामने एक बूढ़ा आदमी दिखाई देता है।
वह बूढ़ा आदमी लकड़ी के गट्ठर को अपने सिर पर ठीक से रख नही पाता है।
तब श्याम उसके पास जाकर कहता है – काका, आप इतना भारी वजन उठा रहे है। मैं आपकी मदद करता हूं। श्याम लकड़ी के गट्ठर को उठाकर काका के घर पर पहुँचा देता है।
तब काका कहते है तुम्हारा भला हो बेटा। क्या हुआ, तुम कुछ उदास लग रहे हो।
श्याम कहता है- काका, मैं बहुत गरीब हूँ। आज दीवाली है और मेरे पास खाना खाने के लिए भी पैसे नही है। मेरे बच्चे भूख से परेशान है।
काका कहते है – तुम चिंता मत करो, ये लो मालपुआ, यहाँ से आगे चलकर एक जंगल है।
तुम उस जंगल मे जाओ, वहाँ तुम्हें ‘एक गुफा’ मिलेगी। वहाँ पर तुम्हें ‘तीन बोने’ मिलेंगे।
उन्हें यह मालपुआ बहुत पसंद है। वे तुम्हें मालपुए की जगह कई लालच देंगे, लेकिन तुम किसी भी लालच में मत आना।
तुम सिर्फ उनसे ” एक पत्थर की चक्की मांगना “।
यह सुनकर श्याम जंगल जाता है और वहाँ जाकर उन तीन बोनो से मिलता है।
उनमे से एक बोना पूछता है – कौन हो तुम?
श्याम डरते हुए कहता है, मेरा नाम श्याम है। मैं यह मालपुआ बेचने आया हूँ।
बौने कहते है – हमे मालपुआ बहुत पसन्द है। ये मालपुआ हमे दे दो और इसके बदले में ‘हम तुम्हें सोना देंगे।’
श्याम कहता है – नही, मुझे सोना नही चाहिए। मुझे ‘एक पत्थर की चक्की’ चाहिए।
बौने उसे पत्थर की चक्की दे देते है और कहते है – यह एक जादुई चक्की है। चक्की को पीसने से तुम जो चाहो, वो ले सकते हो।
लेकिन एक बात याद रखना, काम होने पर इस चक्की को ‘लाल कपड़े’ से ढक देना। जिससे यह चक्की रुक जाएगी।
श्याम चक्की लेकर अपने घर जाता है। अपनी पत्नी को सब कुछ बता देता है। वह चक्की को जमीन पर रखकर उसे चलाता है और कहता है – चक्की – चक्की दाल निकाल।
उस चक्की में से दाल निकल आती है फिर कहता है चक्की – चक्की चावल निकाल। चावल निकलने के बाद वह चक्की पर लाल कपड़ा डाल देता है जिससे वह रुक जाती है।
यह देखकर सब बहुत खुश हो जाते है।
अब श्याम हर रोज दाल, चावल,मसाले आदि चीजे निकालने लगा और इन सब चीजों को बाजार में बेचने लगा।
जिससे उसके पास काफी पैसा आ गया।
उसने एक घर बना लिया। धीरे – धीरे वह अपने बड़े भाई से भी ज्यादा अमीर हो गया।
बड़े भाई मोहन को श्याम से जलन होने लगी। यह सब देखकर सोचने लगा कि, श्याम के पास इतना पैसा कहाँ से आ गया ?
अगले दिन मोहन चुपचाप से श्याम के घर जाता है और श्याम को चक्की से सामान निकालते हुए देखता है, तो उसके मन मे ‘लालच’ आ जाता है।
जैसे ही श्याम घर से चला जाता है, तब मोहन चक्की को चुराकर अपने घर पर आ जाता है और अपना घरवार छोड़कर अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर नाव में बैठकर सागर में चला जाता है।
मोहन चक्की को चलाकर कहता है- चक्की – चक्की नमक निकाल। फिर क्या चक्की में से नमक निकलता रहा, निकलता रहा और नाव पूरी नमक से भर जाती है और डूब जाती है।
मोहन ने लालच के चक्कर मे यह तो देखा ही नही कि चक्की कैसे रुकती है। नाव वजन के कारण डूब जाती है वह सब सागर में डूब जाते है।
और चक्की से नमक निकलता रहता है।
(Moral Story for Kids in Hindi)
सीख -
दोस्तों अगर हमे किसी की मदद करने का मौका मिले तो हमे उनकी मदद जरूर करनी चाहिए , और हमे ये भी सिखने को मिला कि हमे न ही कभी घमंड करना चाहिए और न ही लालच करना चाहिए।
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हम आशा करते हैं की आप अपनी life में इस बात को अमल करेंगे।
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तो मिलते है एक नयी कहानी में ( Moral Story in Hindi ) की जुबानी में।