Top 15 Best Hindi Moral Stories for kids with Moral | Short Stories in Hindi For Class 6 2023 – 2024

यहाँ पर हम Top 15 Moral stories for kids in Hindi  , Short stories in Hindi for kids and younger ,और उससे सम्बंधित मजेदार Pictures की कहानियाँ साझा कर रहे हैं , जो आपके लिए बहुत ही valuable होंगी .

Hindi Moral stories for kids आपको और आपके बच्चों को ” जिंदगी का पाठ “ सीखने वाली कहानियां है , जो आपके बच्चों को , लोगों और दुनिया को समझने में मदद करती है,

इसीलिए हम  इन Short Stories in Hindi for Kids and Younger को आपके साथ साझा कर रहे हैं । मुझे उम्मीद है कि आप इन हिंदी कहानियों को पसंद करेंगे।

Table of Contents

Top 15 Best Hindi Moral Stories for kids – Short Stories in Hindi for kids

Here I am sharing the Top 15 Hindi Moral Stories for kids with pictures, Short stories in Hindi for kids, which are very valuable and teach you and your kids or students a valuable life lesson.

These stories have lots of positive things about life and make your kids a positive thinker ” The Lesson of Life “, which help your children to understand the people & world.

That’s why I am sharing these Moral Stories in Hindi for Kids and Youngsters with you.  I hope you would like it .

तो फिर चलिए शुरू करते हैं Hindi Moral Stories कहानियों का सिलसिला –

1 .  दुखों से मुक्ति – Best Moral Stories for kids in Hindi – Famous Hindi Short Stories

Hindi Moral Stories for kids with Moral | Short Stories in Hindi for kids दुखों से मुक्ति

एक बार भगवान बुद्ध जी एक गांव में उपदेश दे रहे थे। वहां पर एक धनी व्यक्ति उपदेश सुन रहा था। वह भगवान बुद्ध से एक प्रश्न पूछना चाहता था,

लेकिन सब लोगो के सामने प्रश्न पूछने में संकोच कर रहा था, क्योंकि उसकी गांव में काफी प्रतिष्ठा थी। प्रश्न ऐसा था, कि उसकी प्रतिष्ठा दांव पर लग जाती।

उपदेश खत्म होने के बाद जब सब लोग चले गए तब उसने बुद्ध के सामने हाथ जोड़कर प्रश्न पूछा-

प्रभु मेरे पास सब कुछ है- धन,दौलत, प्रतिष्ठा किसी भी चीज की कोई कमी नही है, लेकिन मैं खुश नही हूं, खुश रहने का राज क्या है?

मैं जानना चाहता हूं कि हमेशा खुश कैसे रहना चाहिए।

( यह सुनकर भगवान बुद्ध उसे अपने साथ जंगल मे ले गए )

और सामने एक बड़े पत्थर को देखकर कहा, कि इस पत्थर को उठाकर मेरे साथ चलो।

कुछ समय बाद उस व्यक्ति के हाथ मे दर्द होने लगा, लेकिन वह चुप रहा। काफी समय बीत जाने के बाद उससे दर्द सहा नही गया और बुद्ध जी से कहा – मेरे हाथ मे बहुत दर्द हो रहा है

Short Stories in Hindi for kids - Hindi Moral Stories for Kids दुखों से मुक्ति 1

बुद्ध जी ने कहा- पत्थर नीचे रख दो और पत्थर नीचे रखते ही उसे राहत महसूस हुई।

तब बुद्ध जी ने समझाया कि यही “खुश रहने का राज है।

उस व्यक्ति को कुछ समझ नही आया।

बुद्ध जी बोले –

जिस तरह इस पत्थर को जितने समय तक हाथ मे रखोगे, उतना ही दर्द होगा। इसी प्रकार दुख के बोझ को जितनी देर तक हम अपने कंधे पर रखेंगे, उतने ही ज्यादा दुखी और निराश रहेंगे।

यदि व्यक्ति खुश रहना चाहता है तो उसे दुख के पत्थर को जल्द से जल्द नीचे रखना सीखना होगा।

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मित्रो, हम सब यही करते है, कि अपने जीवन मे दुख के बोझ को ढोते रहते है।

दुखो से मुक्ति तभी सम्भव है जब हम दुख के बोझ को अपने मन से जल्दी निकाल दे और इच्छाओं से रहित होकर, या जो है उसी में शुक्र करते हुए खुश रहें।

याद रखिये, प्रत्येक पल अपने आप में नया है और जो पल बीत चुका है उसकी कड़वी यादों को मन मे संजोकर रखने से बेहतर है कि, हम अपने वर्तमान के पल का पूरी तरह से आनंद उठाये।

( Hindi Moral Stories for Kids )


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2 .  आत्मनिर्भर होना – 15 Best Hindi Moral Stories for kids – हिंदी में नैतिक कहानियां

atmnirbahr Top Hindi Moral Stories for kids with Moral Short Stories in Hindi for kids
Img sr : Hasti Duniya Moral stories in Hindi

राजा अक्सर अपनी प्रजा का हाल – चाल जानने के लिए वेश बदलकर जाया करते थे। एक बार राजा गाँव से होकर जा रहे थे।

तभी सामने उन्हें एक बूढ़ा आदमी दिखाई देता है। राजा उसके पास जाकर कहते है – तुम इतने बूढ़े होकर इन लकड़ियों का बोझ क्यों  उठा रहे हो ?

बूढ़ा आदमी कहता है – मैं एक गरीब आदमी हूँ। इसलिए यह काम कर रहा हूँ।

राजा कहते है – क्या तुम्हें पता नही कि, यहाँ के राजा गरीब और बेसहारा लोगो को धन देकर मदद करते है।

बूढ़ा आदमी कहता है – अच्छी तरह मालूम है। परंतु जब तक मेरे हाथों में जान है। मेरे शरीर मे शक्ति है, तो फिर मैं दूसरो पर निर्भर क्यों रहूं।

राजा यह सुनकर बहुत खुश हो जाते है और कहते है – काश, तुम्हारी तरह और भी लोग होते तो राजा की आधी चिंता दूर हो जाती। जिससे हमारा राज्य निश्चित ही तरक्की करता।

आत्मनिर्भर होना व्यक्ति का सबसे बड़ा गुण है। आत्मनिर्भर व्यक्ति बिना डरे जीता है। ऐसा व्यक्ति दूसरों की मदद लेने के बजाय दूसरों की मदद करता है।

( Short Stories in HIndi for Kids )


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3 .  तीखी मिर्ची – Top 15 Best Short Stories in Hindi for kids – नैतिक कहानियां

Hindi Moral Stories for kids with Moral chheti ki kahani
Img src : Hasti Duniya Hindi Moral Stories

जंगल में दो नन्ही चींटी बहने रहती थी। एक बहन का नाम मिनी और दूसरी बहन का नाम नैनी था। मिनी बहुत शांत स्वभाव की थी और नैनी चिड़चिड़ी स्वभाव की थी।

मिनी को सभी लोग बहुत पसंद करते थे, क्योंकि वह सभी से मीठी बाते करती थी। इसलिये ‘सभी उससे मीठी मिसरी बोलते थे।

लेकिन नैनी को कोई पसन्द नही करता था, क्योंकि वह सबसे गुस्से में बात करती थी। इसलिये ‘सभी उसको तीखी मिर्ची बोलते थे।

एक दिन मिनी और नैनी और कुछ चीटियां मोटू हाथी के दुकान पर जाती है। वहाँ जमीन पर उन्हें ‘सफेद टुकड़े’ मिलते है।

मिनी उन टुकड़ो को उठाकर चखती है और कहती है – कितना मीठा है ये।

तभी मोटू हाथी अपने नोकर गधे से कहता है – तूने सारे मिसरी के दाने नीचे गिरा दिए है। जल्दी से इन्हें उठा ले , वरना इन पर चीटियां लग जाएंगी।

मिनी कहती है – क्या , ये होती है मिसरी ?

मिनी की सहेली चेरी कहती है – मिनी तुम्हें सब मीठा इसलिए कहते है क्योंकि तुम मिसरी की तरह मीठा बोलती हो।

तभी नैनी कहती है – तीखी मिर्च कैसी होती है ? जरा मैं भी उसका स्वाद छखू। मुझे सब तीखी मिर्च क्यों कहते है।

चेरी कहती है – अगर तुमने मिर्च को छू लिया, तो तुम्हारा बहुत बुरा हाल हो जाएगा।

तभी दुकान पर बन्दर आता है और कहता है – मुझे आधा किलो मिर्च दे दो।

गधा नोकर अंदर जाता है और मिर्च लेकर बाहर जाता है। मिर्च के कुछ टुकड़े जमीन पर गिर जाते है।

यह देखकर नैनी तुरन्त मिर्च को छूती है। मिर्च को छूते ही उसके शरीर मे जलन होने लगती है।

मिनी उसे तुरन्त घर लेकर जाती है और उस पर पानी डालती है। लेकिन फिर भी नैनी के शरीर पर खुजली होती है।

नैनी कहती है – तीखी मिर्च तो बहुत बुरी होती है। सभी लोग तभी मुझसे तीखी मिर्च कहते है।

अब से, मैं भी मिनी की तरह मीठा बोलूँगी। किसी से गलत नही बोलूँगी।

मुझे पता चल गया है कि एक अच्छा व्यवहार ही इंसान को जीवन मे आगे बढ़ाता है।

( Moral Stories for Kids in Hindi )

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4 .  बकरी का बच्चा – Top Moral Stories for Kids in Hindi – Hindi Moral Stories for class 6

bakri ka baccha Top Hindi Moral Stories for kids with Moral Short Stories in Hindi for kids
Img src : Hasti Duniya Moral stories in HIndi

जंगल मे एक बकरी अपने बच्चे के साथ रहती थी। उसका नाम गोलू था। वह बहुत शरारती था। उसे खेलना बहुत पसंद था।

एक दिन वह खेलते – खेलते जंगल की ओर चला जाता है। काफी देर बीतने के बाद गोलू दिखता नही है। यह देखकर बकरी बहुत परेशान हो जाती है।

बकरी फटाफट दौड़ते हुए जंगल की ओर जाती है और जोर से आवाज लगती है – गोलू, गोलू कहाँ हो ?

तभी पीछे से गोलू आ जाता है औऱ कहता है – माँ, मैं यहाँ हूँ।

बकरी उसे देखकर कहती है – गोलू , मैने तुमसे मना किया था कि, इस तरफ मत आया करो। किसी दिन तुम खुद भी फंसोगे और मुझे भी फसा दोगे।

अगले दिन गोलू फिर से जंगल चला जाता है। जैसे ही वह जंगल मे जाता है। उसे एक भेड़िया मिलता है।

भेड़िये को देखकर गोलू घबरा जाता है। भेड़िया उसको खाने के लिए उसके पास आता है।

जैसे ही भेड़िया उसके पास आता है, अचानक बकरी अपने दोस्त शिकारी कुत्ते के साथ आती है।

जैसे ही शिकारी कुत्ता जोर से भोंकता है तो भेड़िया डरकर भाग जाता है और गोलू बच जाता है।

सीख : – इस Moral Stories for kids in Hindi कहानी से हमे यह सीख मिलती है कि हमे हमेशा अपने बड़ो की बात माननी चाहिए। बड़े लोग जो कहते है, हमारे भले के लिए कहते है।

( Short Hindi Moral Stories )


5 .  जादुई छड़ी – Hindi Short moral stories with pictures

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Img Src : Hasti duniya Hindi moral stories for kids

दिव्यांश नाम का एक लड़का था। उसका ध्यान पढ़ाई में कम और खेलकूद में ज्यादा रहता था। इसी कारण उसके मम्मी पापा परेशान रहते थे।

स्कूल से अक्सर दिव्यांश की शिकायत आती रहती थी।

एक दिन उसकी मम्मी को विचार आया। उन्होंने ‘एक चिट्ठी और एक छड़ी दिव्यांश की टेबल पर रख दी।’ थोड़े समय बाद दिव्यांश आता है और चिट्ठी खोलकर पड़ता है।

उसमें लिखा था – प्यारे दिव्यांश , मैं परी दीदी हूँ

” मैं तुम्हें एक जादुई छड़ी दे रही हूँ। अगर तुम इस छड़ी को अपने पास रखकर पढ़ाई करोगे तो तुम्हें सब कुछ याद हो जाएगा और तुम क्लास में फर्स्ट आओगे। “

उस दिन से रोज दिव्यांश छड़ी अपने पास रखकर मन लगाकर पढ़ाई करने लगा। छड़ी के जादू से उसे सब कुछ याद होने लगा। सभी लोग उससे बहुत खुश होने लगे।

दिव्यांश अपनी माँ से कहता है – माँ देखो , छड़ी के जादू से, मैं क्लास में फर्स्ट आया हूँ।

मम्मी कहती है – वो कोई जादुई छड़ी नही है। वो सिर्फ मामूली छड़ी है। वो छड़ी मैने ही तुम्हें सुधारने के लिए रखी थी। तुम अपनी मेहनत से फर्स्ट आये हो।

दिव्यांश कहता है – मम्मी , मैं अब समझ गया हूँ कि , मेहनत से सफलता मिलती है। किसी छड़ी से नही। अब से, मैं खूब मेहनत करूँगा।

6 .  नटखट बन्दर –  Top Short Stories in Hindi for kids – Hindi Moral Stories

एक छोटे से गाँव मे एक बंदर रहता था। वह बहुत शरारती था। कभी किसी को काट लेता और कभी  लोगो के कपड़े फाड़ देता।

आते जाते लोगो के हाथ से सामान भी छीन  लेता था। सभी लोग उससे बहुत परेशान थे।

गाँव के लोगो ने सोचा कि, हम एक मदारी को बुलाते है। वह मदारी इस बन्दर को पकड़ कर ले जायेगा।

अगले दिन लोग मदारी को लेकर आते है और उसे सारी बात बता देते है।

मदारी लोगो से कहता है – मैं पेड़ के सामने एक छोटा सा गड्डा कर दूँगा और उसके ऊपर पत्ते रखकर वहाँ पर केले रख दूँगा और जैसे ही बन्दर आएगा। मैं उसे तुरन्त पकड़ लूँगा।

सभी लोग कहते है, ठीक है, जैसा तुम कहो।

तभी वहाँ पर बन्दर आ जाता है जैसे ही वह पेड़ के पास केले लेने जाता है तो गड्डे में गिर जाता है और मदारी उसे पकड़ लेता है।

यह देखकर सभी बहुत खुश हो जाते है और कहते है – तुमने तो एक झटके में ही बन्दर को पकड़ लिया।

मदारी कहता है – बन्दर को केले बहुत पसन्द होते है केले को देखकर वह अपने आप को रोक ना सका। जिससे वह पकड़ा गया।

सीख : –  इस कहानी  short stories in hindi for kids से  हमे यह सीख मिलती है कि अगर किसी भी काम को सूझ – बूझ और समझदारी से किया जाए तो हर समस्या का हल निकाला सकता है।

( Short Stories in Hindi for kids )

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7 .  लकड़हारा – Best Moral Stories in Hindi – Short Stories in Hindi for kids

Best Hindi Moral Stories for kids lakadhara ki kahani
Copyright : Moral Story in Hindi

छोटे से गाँव मे श्याम नाम का एक लकड़हारा रहता था। लकड़ी काट कर वह आने घर का खर्च चलाता था।

उसके घर के पास एक रूपा नाम का पड़ोसी रहता था। वह लालची और मतलबी था।

वे दोनों एक ही जंगल में लकड़ियां काटते थे। एक दिन श्याम जंगल जाता है। वह एक तालाब के पास जाकर लकड़ी काटता है।

लकड़ी काटते हुए उसकी कुल्हाड़ी तालाब में गिर जाती है।

श्याम बहुत परेशान हो जाता है और कहता है – मेरे पास एक ही कुल्हाड़ी थी। अब मैं कैसे लकड़ियां काटूंगा।

तभी तालाब से जल देवी अपने हाथ मे ‘सोने की कुल्हाड़ी‘ लेकर बाहर आती है। श्याम उन्हें देखकर चौक जाता है।

जल देवी कहती है – बेटा, क्या ये सोने की कुल्हाड़ी तुम्हारी है ?

श्याम कहता है – नही, ये मेरी नही है।

जल देवी फिर तालाब के अंदर जाती है और बाहर आती है और कहती है – बेटा, ” क्या ये चांदी की कुल्हाड़ी तुम्हारी है ? “

श्याम कहता है, नही ये मेरी नही है।

जल देवी फिर तालाब के अंदर जाकर बाहर आती है और कहती है – ” क्या ये लोहे की कुल्हाड़ी तुम्हारी है ? “

श्याम कहता है – हाँ , ये मेरी है।

जल देवी यह देखकर बहुत खुश हो जाती है और कहती है – तुम बहुत ईमानदार हो , श्याम। मैं तुम्हे ये तीनो कुल्हाड़ी देती हूँ।

श्याम कुल्हाड़ी लेकर घर चला जाता है। श्याम को देखकर रूपा उसकी खिड़की के पास जाकर खड़ा हो जाता है।

जब श्याम अपनी माँ को सारी बात बताता है तो रूपा उसकी सारी बात सुन लेता है।

रूपा तुरन्त लोहे की कुल्हाड़ी लेकर उस तालाब के पास जाता है और अपनी कुल्हाड़ी तालाब में गिरा देता है।

तभी जल देवी अपने हाथ मे ‘सोने की कुल्हाड़ी’ लेकर आती है और कहती है – बेटा , क्या ये कुल्हाड़ी तुम्हारी है ?

रूपा के मन मे लालच आ जाता है और कहता है – हाँ , ये कुल्हाड़ी मेरी है।

यह सुनकर जल देवी को गुस्सा आ जाता है और कहती है – तुम कितने लालची हो , रूपा। अब मैं तुम्हे एक भी कुल्हाड़ी नही दूँगी।

इतना कहकर जल देवी गायब हो जाती है। फिर रुपा अपनी गलती पर पछतावा करता है कि, काश वह लालच नही करता।

सीख : – इस  Moral Stories for kids in Hindi कहानी से हमे यह समझ आता है कि, हमे कभी लालच नही करना चाहिए। लालच का फल हमेशा बुरा होता है।

( Short Stories in Hindi for kids )

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8 .  चूहों की समझदारी – Amazing Moral Stories in Hindi for kids

chuhon-ki-samjhdari Amazing Hindi Moral Stories for kids
Copyright : Moral story in Hindi : Hindi moral story for kids

एक छोटे से जंगल मे हाथी रहते थे। उस जंगल मे एक झील थी। झील का पानी पीकर सभी हाथी अपनी प्यास बुझाते थे। उस समय गर्मी बहुत पड़ रही थी।

ज्यादा गर्मी के वजह से झील का सारा पानी सूख गया था। अब हाथी पानी के लिए बहुत परेशान रहने लगे।

कई दिनों तक वे बिना पानी के रहे। एक दिन उनमे से एक हाथी जोर से कहता है – अब आप सब चिंता मत कीजिये। पानी मिल गया है।

यह सुनकर सभी हाथी बहुत खुश हो जाते है ओर कहते है – तुम्हें कहाँ मिला पानी ?

वह हाथी कहता है – यहां से थोड़ी दूरी पर एक नदी है, चलो मैं तुम सबको अपने साथ ले चलता हूँ।

सभी हाथी उसके पीछे जाते है और पेट भरकर नदी का पानी पीते है।

उस नदी के पास बहुत सारे चूहे रहते थे। हाथियों के वजन के वजह से कई सारे चूहे मर जाते है।

सारे चूहे हाथियों के पास जाकर कहते है – महाराज, नदी के पास हमारा परिवार रहता है लेकिन आपके भारी वजन के कारण बहुत चूहे मर गए है।

आपसे विनती है कि,आप जंगल के किनारे से होकर आया करो। हम बेशक छोटे है पर कभी न कभी हम भी आपके काम आ सकते है।

उनमे से एक हाथी हँसते हुए कहता है – तुम इतने छोटे हो, तुम हमारे क्या काम आयोगे।

हाथी कहते है – ठीक है, हम जंगल के किनारे से आया करेंगे।

अगले दिन हाथी नदी में पानी पीने के लिए जाते है तभी एक हाथी के ऊपर जाल गिर जाता है और शिकारी उसे उठाकर झील के पास ले जाते है और उसे रस्सी से बांध देते है।

सभी हाथी चूहों के पास जाते है और उन्हें सारी बात बता देते है। चूहे कहते है, आप चिंता मत कीजिये। हम आपकी मदद करेंगे।

रात होते ही चूहे उस हाथी के पास जाते है। चूहे अपने दांतों से रस्सी और जाल को काट देते है। जिससे वह हाथी बच जाता है।

यह वही हाथी था, जिसने उन चूहों का मजाक उड़ाया था। वह कहता है – मुझे माफ़ कर दीजिये। मैने उस दिन आपको छोटा समझकर मजाक बनाया था।

आज आपकी वजह से मेरी जान बची है .

सीख : – इस कहानी  Hindi moral stories for kidsसे हमे यह समझ आता है कि छोटे लोगो का कभी मजाक नही बनाना चाहिए। मुश्किल समय मे कोई भी काम आ सकता है।

जो काम चूहों ने किया था, वह काम हाथी कभी नही कर सकते थे।

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9 .  श्रवण कुमार –  Inspirational Hindi Moral Short Stories for Kids

श्रवण कुमार अपने माता पिता को बहुत प्यार करता था। वह उनकी हर एक छोटी – छोटी बातों का बहुत ध्यान रखता था।

उसके माता – पिता अंधे थे।

एक बार वे दोनों कहते है कि, अगर हमारी आँखे होती तो, हम तीर्थ यात्रा के लिए जाते। तभी श्रवण उनके पास आता है और कहता है – क्या हुआ  पिता जी ?

श्रवण हमारी इच्छा थी कि, हम दोनों तीर्थ यात्रा पर जाए। लेकिन हम तो अंधे है।

श्रवण कहता है – आप चिंता मत कीजिये। मैं आपको लेकर जाऊँगा। इतना कहकर श्रवण तुरन्त दुकान जाता है और कहता है – काका, मुझे एक कामर दे दीजिए।

कामर लेकर वह घर चला जाता है।

फिर श्रवण अपने माता – पिता को उसमे बिठाकर अपने कंधे पर रखकर चल देता है।

सभी लोग उसे देखकर बहुत खुश हो जाते है और कहते है – कितना आज्ञाकारी बेटा है। अपने अंधे माँ – बाप का कितना ख्याल रखता है।

काफी दूर पैदल चलते – चलते रात हो जाती है। वह एक पेड़ के नीचे आराम करते है। श्रवण उनको खाना खिलाता है। उनकी खूब सेवा करता है।

अगले दिन फिर से वह चल देता है। तभी उसके माता – पिता श्रवण से कहते है – बेटा, हमे प्यास लग रही है।

श्रवण तुरन्त उन्हें एक जगह बैठा कर पानी लेने चला जाता है। जैसे ही श्रवण नदी से पानी लेने जाता है। उसके सीने में एक तीर लग जाता है। वह चिल्लाता है।

उसकी आवाज सुनकर राजा उसके पास आते है और कहते है – मुझे मांफ कर दो। मुझे लगा कि, कोई जानवर है लेकिन तीर तुम पर चल गया।

श्रवण कहता है – मेरे माँ – बाप एक पेड़ के नीचे बैठे है। वे बहुत प्यासे है। तुम उनको जाकर पानी पिला दो। इतना कहते हुए वह मर जाता है।

राजा उनके पास जाता है और कहता है – ये लीजिये पानी।

तुम कौन हो ? और श्रवण कहाँ पर है ?

राजा धीमी आवाज में कहते है – मैं राजा दशरथ हूँ। मुझसे धोखे से श्रवण के सीने में तीर लग गया है। जिससे वह मर गया है। मुझे मांफ कर दीजिये।

वे दोनो रोते हुए कहते है – राजा दशरथ हम तुम्हें श्राप देते है कि तुम बच्चो के लिए हमेशा तरसोगे। इतना कहकर वे दोनों मर जाते है।


10 . स्वार्थी दोस्त – Short Stories in Hindi – Moral Stories for kids

घने जंगल मे एक गुफा में लोमड़ी रहती थी। लोमड़ी शिकार करके अपनी भूख मिटाती थी।

उसकी गुफा में एक चूहा रहता था। वह चूहा लोमड़ी को बहुत परेशान करता था। वह चूहा उसे काट लेता था।

जैसे ही लोमड़ी उसे पकड़ने जाती चूहा तुरन्त अपने बिल में छुप जाता था और वह चूहा लोमड़ी का मांस भी खा जाता था।

एक दिन उसने सोचा, मुझे इस चूहे का कुछ करना पड़ेगा। लोमड़ी तुरन्त बिल्ली के पास जाती है और कहती है – बिल्ली मौसी, मेरी गुफा में एक चूहा रहता है।

मैं उससे बहुत परेशान हूँ। क्या तुम उस चूहे को पकड़ सकती हो ?

बिल्ली कहती है – ‘हाँ’, फिर वे दोनो गुफा में जाते है।

अब बिल्ली रोज गुफा की निगरानी करने लगी, अब चूहा बिल्ली के डर से बिल से बाहर ही नही आ पाता था। बाहर न आने से चूहे को खाना मिल नही पा रहा था।

अब लोमड़ी आराम से गुफा में मांस खाती और कुछ मांस बिल्ली को भी डाल देती। अब वह आराम से रहने लगे।

एक दिन भूख से परेशान चूहा जैसे ही बाहर निकला, बिल्ली ने तुरंत उसे पकड़कर मार दिया।

बिल्ली ने सोचा कि, अब तो लोमड़ी का दुश्मन मर गया है। अब लोमड़ी आराम से रहेगी। वह लोमड़ी के पास जाकर कहती है – लोमड़ी, मैने आपका दुश्मन मार दिया है।

यह सुनकर वह बहुत खुश हो जाती है।

लोमड़ी सोचती है, चूहा तो मर गया है, अब मैं इस बिल्ली को मारकर खा जाती हूँ। लोमड़ी जैसे ही बिल्ली पर झपटती है, बिल्ली तुरन्त भाग जाती है।

बिल्ली कहती है – काश, मैं स्वार्थी लोमड़ी से दोस्ती करने से पहले इसे परख लेती तो यह सब न होता।


11 .  कहानी लालच की – Hindi Moral Stories for kids

12 .  सोच का जादू – Moral Stories in Hindi

13 .  परेशानी का अनोखा हल – Moral Stories for kids

14 .  उसका पति कौन है – Vikram Betal story in Hindi

15 .  कटहल का पेड़ – Akbar Birbal story in Hindi


आशा करते हैं की आपको Best Hindi Moral Stories for kids पसंद आयी होंगी , इन Moral Stories for Kids in Hindi को आप अपने Family , Friends के साथ Social media पर भी share कर सकते हैं .

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( Top 15 Best Moral Stories in Hindi  For Kids)

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