चार पढ़े लिखे मूर्ख – Vikram Betal Story in Hindi – 4 Pade Likhe Murkh

vikram Betal Story in Hindi - 4 Pade Likhe Murkh

 

“चार पढ़े लिखे मूर्ख” – Vikram Betal Story in Hindi

Vikram Betal story , दोस्तों ये बहुत ही मजेदार और रोमांच से भरपूर  Betaal Pachisi में से एक कहानी है  4 Pade Likhe Murkh  .

तो चलिए शुरू करते है आज की ये कहानी :-

तो  ये  Vikram aur Betaal हिंदी कहानी कुछ इस तरह से शुरू होती है :-  

 

बहुत समय पहले की बात है। बुलंद गांव में एक बुलचन्द नाम का आदमी रहता था। उसके चार बेटे थे- दया, हरि, विधु और नील।

चारों बेटों का लालन-पोषण उनके पिता ने किया था। उनके चारो बेटे मूर्ख थे। पढ़ाई में भी बिल्कुल ध्यान नही रहता था।

इनके पिता जी बहुत चिंता में रहते थे, कि इनके चारो बेटे कैसे अपना जीवन बिताएंगे।

एक दिन बुलचन्द जी ने अपने चारों बेटो को बुलाया और गुस्से में कहा – कि, तुम चारो सारा दिन घर मे ही रहते हो कुछ काम भी नही करते हो ।

 

मेरे मर जाने के बाद तुम क्या करोगे। कैसे अपना जीवन जियोगे ?

बुलचन्द ने अपने बेटों से कहा – मैने तुम्हारे लिए एक काम ढूंढ लिया है।

मेरा एक दोस्त है जो जादू सिखाता है वह एक गुरु है। तुम चारो एक साल के लिए मेरे दोस्त के पास “कर्नाटक” चले जाओ

और वहाँ जाकर जादू सीखो।

 

( यह सुनकर चारो बेटे बहुत खुश हो जाते है और वे चारो कर्नाटक चले गये )

कर्नाटक पहुँचकर चारो बेटो ने गुरु जी से कई मंत्र और जादू करना सीखा।

एक साल कैसे बीत गया, पता ही नही चला।

एक साल बीत जाने के बाद वे चारो बेटे गुरु जी का आशीर्वाद लेकर अपने घर के लिए निकल जाते है।

रास्ते मे जाते हुए बड़ा बेटा (दया ) बैलगाड़ी को रुकवाता है और कहता है – वो देखो सामने क्या है?

vikram Betal Story in Hindi - 4 Pade Likhe Murkh story

चारो बेटे बैलगाड़ी से उतरकर सामने देखते है और कहते है – ये क्या पड़ा है।

बड़ा बेटा ‘दया’ कहता है – यह एक शेर का कंकाल है।

तीनो बेटे (हरि, विधु, नील) गुस्से में कहते है – क्या तुम हमे ये कंकाल दिखाने के लिए लाए हो।

दया कहता है – अरे मूर्ख हो तुम सब।

दया कहता है – हमने जो एक साल में मंत्र और जादू सीखे है क्यों न हम इस कंकाल पर जादू करने की कोशिश करे।

इससे यह पता चलेगा कि मंत्र काम करेगा कि नही।

 

दूसरा बेटा हरि कहता है – हटो, मैं इस कंकाल पर जादू करता हूँ

 

( हरि मन्त्र पड़ता है और सारी हड्डियां जुड़ जाती है )

विधु और नील भी मंत्र पड़ते है फिर सारी हड्डियों पर धीरे – धीरे मांस आ जाता है और शेर बन जाता है लेकिन शेर में जान नही होती है।

फिर दया आता है और उस शेर पर काफी देर तक मन्त्र पड़ता है जिससे शेर जिंदा हो जाता है।

 

यह देखकर सब घबरा जाते है। शेर चारो बेटो को खा जाता है।

अब बेताल विक्रम से पूछता है – कि इन चारों में सबसे बड़ा वेवकूफ कौन था?

 

उत्तर जानने से पहले आप सब सोचिये कि, कौंन सबसे बड़ा मूर्ख था।

बिलकुल ईमानदारी से अपने उत्तर नीचे कमेंट में बताईये |

विक्रम का उत्तर- चारो बेटो में सबसे बड़ा मूर्ख “बड़ा बेटा (दया)” था। जिसने उस मुर्दे शेर में जान डालने की कोशिश की और उसी की वजह से सब की जान चली गयीं।

 

 

Vikram aur Betaal , यह सुनकर बेताल तुरंत उसी वीरान जंगल में उसी पेड़ के पास चला गया |

अगली कहानी के लिए  Vikram Betal stories ,  Betaal Pachisi के साथ जुड़े रहिये |

 

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( Moral story in Hindi )

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